ये क्या ‐--------- कैसा इन्तजार..... ये मुस्कान भी कैसी ? ये क्या ‐--------- कैसा इन्तजार..... ये मुस्कान भी कैसी ?
दो पल और साथ...। दो पल और साथ...।
मन की व्याकुलता के बारे में कुछ...। मन की व्याकुलता के बारे में कुछ...।
निगल भी न सकेे, वो फास है जिंदगी...! निगल भी न सकेे, वो फास है जिंदगी...!
यदि इरादों में मज़बूती, मन में दृढ़ विश्वास; आ सकते हो संग में मेरे लेने शुद्ध श्वाँस !! यदि इरादों में मज़बूती, मन में दृढ़ विश्वास; आ सकते हो संग में मेरे लेने शुद्ध श...
यूँ लगता है कि, मरकर ही, मुझे मिल सकेगी, रिहाई...! यूँ लगता है कि, मरकर ही, मुझे मिल सकेगी, रिहाई...!